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रविवार, 23 अगस्त 2009

कुलपति को लाल सलाम करने वाली छात्रा पहुंची जेल




अंबिकापुर गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. लक्ष्मण चतुर्वेदी के मोबाइल पर एमएमएस के जरिए जान से मार देने की धमकी देने के आरोप में पुलिस ने एक छात्रा को गिरफ्तार किया. हांलाकि बाद में छात्रा को मुचलके पर रिहा कर दिया गया. छात्रा पर आरोप है कि उसने 4 अगस्त को कुलपति धमकी भरा एसएमएस भेजा. एमएमएस में री-चेकिंग कराने वालों का नंबर बढ़ाने के लिए लिए चेतावनी जारी की गई थी. संदेश के आखिरी में 'लाल सलाम' लिखा होने से मामला गंभीर हो गया. छात्रा का कहना है कि लगातार फेल होने से वो तंग आ चुकी थी. इस साल वो तीसरी बार फेल हो गई थी इसलिए हताशा में उसने ये कदम उठा लिया.
5 अगस्त को कुलपति डॉ लक्ष्मण चतुर्वेदी ने घटना की रिपोर्ट कोनी थाने में दर्ज कराई. मामले की जांच क्राइम ब्राचं साइबर सेल कर रही थी. साइबर सेल ने काल डिटेल के आधार पर आरोपी छात्रा को उसके प्रतापपुर के बावापारा स्थित मकान से गिरफ्तार कर लिया. ये छात्रा गर्ल्स डिग्री कालेज अंबिकापुर में बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा है.
छात्रा का कहना है कि वो बार बार फेल हो रही थी. इस साल उसके पेपर अच्छे हुए थे. इसके बाद भी अंग्रेजी, रसायन, जीव विज्ञान और वनस्पति शास्त्र में उसे फेल कर दिया गया था. रिंकी ने बताया कि उसने री-चेकिंग के लिए आवेदन किया था. लेकिन उसके अनुरोध की अनदेखी की गई. इसके बाद उसने खुद कुलपति से मिलने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं मिले. इससे क्षुब्ध होकर उसने यह कदम उठाया. हांलाकि उसे ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था कि ये उसके एसएमएस से इतना बड़ा बवाल खड़ा हो सकता है. क्राइम ब्रांच ने छात्रा को कोनी पुलिस के हवाले कर दिया है. यहां से उसे मुचलके पर रिहा कर दिया गया है.
छात्रा का कहना है कि इस साल फिजिक्स, केमेस्ट्री को छोड़कर उसके सभी सभी पेपर अच्छे गए थे. इसके बाद भी चार विषय में फेल हो गई तो उसने पुनर्मूल्यांकन कराने का फैसला किया. लेकिन जब उसे पता चला कि री-चेकिंग सिर्फ दो विषयों में हो सकती है तो वह युनिवर्सिटी कैंपस बिलासपुर आई. यहां आने के बाद यूनिवर्सिटी स्टाफ ने उसे कुलपति से मिलने की सलाह दी. कुलपति से मुलाकात न होने पर वह उनका मोबाइल नंबर लेकर लौट गई. और गुस्से में आकर उसने कुलपति को एसएमएस कर दिया. लेकिन आखिरी में उसने लाल सलाम दिख दिया. जिससे मामला गंभीर हो गया
मिली जानकारी के मुताबिक छात्रा गरीब घर से है. उसके पिता अशोक गोस्वामी हाट बाजारों में जाकर मनिहारी का सामान बेचकर अपने परिवार का गुजर बसर करते हैं. रिंकी की एक बड़ी बहन और एक छोटा भाई है. छात्रा ने बताया कि नक्सलियों को ‘लाल सलाम’ लिखकर धमकी देने की बात उसने कई बार सुनी थी, लिहाज़ा उसे लगा कि शायद ऐसा लिखकर भेजने से उसकी समस्या हल हो जाएगी.
लेकिन जिस मोबाइल नंबर से कुलपति को धमकी मिली थी, वह सिम उपेंद्र सिंह, एफ-81 बटालियन सीआरपीएफ प्रतापपुर सरगुजा के नाम से खरीदा गया है. क्राइम ब्रांच ने जब इस सिलसिले में उपेंद्र सिह से पूछताछ की तो उसने बताया कि इस नंबर वाला मोबाइल 27 जुलाई को गुम हो गया है. इसके बाद पुलिस ने काल डिटेल से जांच पूरी की. बहरहाल ये खबर पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी है.

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