अम्बिकापुर खबर (Ambikapur News)

इसमें अंबिकापुर की खबरें होंगी अगर आप के पास भी शहर की कोई खबर है तो आप मुझे मेल कर सकते हैं- ambikapuriya@gmail.com पर

शनिवार, 19 सितंबर 2009

ममता जी हम जंगलवासियों की भी सुन लो..!

सरगुजा रेलवे संघर्ष समिति सरगुजा ने रेलमंत्री सुश्री ममता बनर्जी को एक पत्र लिखा है, जिसमें दो मांगे रखी हैं. पहली मांग- चिरमिरी से नागपुर हाल्ट स्टेशन (दूरी 7 किमी) को जोड़ने एवं सूरजपुर रोड से तारा तक बनाई जा रही इंडिया बुल्स क. की रेल लाइन को सूरजपुर रोड- अम्बिकापुर-लखनपुर-उदयपुर होकर तारा ग्राम तक बनाने के सम्बन्ध में. दूसरी ओर कोरबा से चोटिया तक प्रकाश इंडस्ट्रीज लि. द्वारा संभावित बनाये जाने वाली रेल लाइन को चोटिया से आगे बढाकर तारा तक जोड़ देने फलस्वरूप अम्बिकापुर-तारा-चोटिया-कोरबा रेल पथ बनाये जाने की मांग की है. समिति का कहना है की पहली मांग- चिरमिरी-नागपुर हाल्ट स्टेशन (7 किमी) जोड़ देने से- चिरमिरी-मनेन्द्रगढ़-अम्बिकापुर-विश्रामपुर-सूरजपुर रोड-बैकुंठपुर रोड आदि सभी स्थानों के नागरिकों को एक साथ अम्बिकापुर से छूटने वाली और चिरमिरी से छूटने वाली गाड़ियों का लाभ मिलेगा. ये रेल मार्ग अम्बिकार-चिरमिरी-बोरीडांड़-अनूपपुर रेल मार्ग बन सकता है। इससे सरगुजा की 20 लाख जनसंख्या को फायदा होगा.
दूसरी मांग के अनुसार- अम्बिकापुर से तारा तक रेल पथ बनाने से लखनपुर और उदयपुर क्षेत्र की जनता को भी लाभ होगा. उधर कोरबा से चोटिया रेलमार्ग बन जाने से कोरबा-दर्री-क टघोरा-पोंडी-उपरोड़ा-मड़ई तथा चोटिया की जनता तो लाभान्वित होगी ही, चोटिया से तारा केवल 34 किमी और जोड़ देने से यह रेल पथ कोरबा-चोटिया-तारा-अम्बिकापुर रेल पथ बन जायेगा. और इससे कोरबा-सरगुजा-कोरिया क्षेत्रों की 50 लाख से अधिक जनता को लाभ मिलेगा. समिति ने मांग की है कि इंडिया बुल्स क. तथा प्रकाश इन्डस्ट्रीज लि. दोनों को लाईन बनाने के लिये दी जा रही अनुमति में भारत सरकार भी साझेदारी करे और स्वयं चोटिया से तारा तक अपने खर्चे से रेल लाईन का निर्माण करे. इस तरह कम लागत में कोरबा से अम्बिकापुर रेल पथ बनाया जा सकता है. समिति ने पत्र की प्रतिलिपियाँ मुख्यमंत्री, सांसद और विधायक को भेजी है. गौरतलब है की सरगुजा रेलवे संघर्ष समिति ने इलाके में रेल सुविधाओ की मांग के लिए आन्दोलन करता आया है.

मंगलवार, 1 सितंबर 2009

जेल में बंद शूटर की खतरनाक चाल - अपने जिस्म को ब्लेड से गोदा,आरोप जेलकर्मियों पर

सूरजपुर जेल में बंद एक शूटर ने जेलकर्मियों को फंसाने के लिए बेहद खौफनाक चाल चली. इस शूटर ने अपने पूरे जिस्म को ब्लेड से गोद डाला और आरोप लगाया जेल प्रशासन पर. शूटर अमित सोनी ने जेल प्रशासन पर रिश्वत मांगने और जान से मारने का आरोप लगाया है. फिलहाल उसे सूरजपुर चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है जहां उसका उपचार चल रहा है. उसके पूरे शरीर पर ब्लेड के निशान हैं.
जानकारी के मुताबिक सूरजपुर जेल में बंद उत्तरप्रदेश के कख्यात शूटर को रविवार को खून से लथफथ हालत में सूरजपुर चिकित्सालय दाखिल कराया गया। जहां उसका उपचार किया जा रहा है अमित की हालत गंभीर है ब्लैड मारने से उसके दोनों हाथ भी बुरी जख्मी है।
बताया जा रहा है कि शाम आरोपी अमित बैरक के बाहर था जिसे रूटीन बेल में समयानुसार जब बैरक में जाने को कहा गया तो यह जेल कर्मचारियों को खुद शुटर बताते हुए धमकाने लगा. किसी तरह उसे बैरक में डाला गया और बैरक में डालकर जैसे ही दूसरे बैरक में ताला बंद की जाने लगी तो अन्य बंदियों ने शोर मचाया.जेलकर्मियों ने जाकर देखा तो उनके होश उड़ गए अमित सोनी का पूरा शरीर खून से लथपथ था.उसने ब्लेड मारकर खुद को बुरी तरह घायल कर रखा था. जेलकर्मियों ने तत्काल उसे अस्पताल पहुंचाया गया.

यहां उसने आरोप लगाया कि कि जेलकर्मियों ने उससे पैसे मांगे और जब पैसे उसने नहीं दिए तो उसके साथ बेरहमी से मारपीट की है. अमित का आरोप है कि जेल कर्मचारी उसके खाने-पीने की व्यवस्था के नाम पर पचास हजार रूपये मांग रहे थे,बीस हजार रूपये वो दे चुका है आज फिर जब वह खाने-पीने की की मांग करने लगा तो कर्मचारियों ने उससे पैसों की मांग की और इसी मांग को लेकर मारपीट करने लगे। उसका कहना है कि कर्मचारियों ने उसे किसी धारदार हथियार से घायल कर दिया.
इस घटना के संबंध में ये भी जानना ज़रूरी है कि अमित उ.प्र.का कुख्यात शुटर है हाल ही में वह अंबिकापुर में पेशी से लौटते वक्त भाग गया था जिसे दूसरे दिन गिरफ्तार कर लिया गया था। यहां यह सवाल अहम है कि बंदी ने अगर खुद ब्लेड मारी है तो उसके पास ब्लेड कहां से और कैसे आया? शूटर अमित की हालत नाजुक बनी हुयी है उसका उपचार किया जा रहा है।

कैदियों के चाकर डिप्टी जेलर निलंबित

ये खबर अंबिकापुर की है, वहां के कैदियों की चाकरी करने वाले डिप्टी जेलर को निलंबित कर दिया गया है.निलंबन की कार्रवाई डीजी ने की है. दरअसल अंबिकापुर केंद्रीय जेल में इस डिप्टी जेलर का काम था कैदियों से सरकारी कायदों की तालीम करवाना, लेकिन ये जनाब कैदियों की संगत में पूरी तरह बदल गये. कैदियों को अपने इशारे से काम करवाने की बजाय खुद उनके हुक्म के गुलाम हो गए. जब कैदी फोन पर बात करना चाहते तो जेलर साहब मोबाइल की व्यवस्था कराते. कैदी जब कहते कि उन्हें किसी से मिलना है तो जेलर साहब उन्हें सरकारी कायदे कानून तोड़कर मिलवाने का बंदोबस्त करते.

डिप्टी जेलर पर ये आरोप लंबे समय से लग रहे थे. शिकायत पर जांच हुई तो जेलर साहब पर लगे आरोप सही पाए गए. तत्पश्चात ये कार्रवाई की गई. डीजी ने अंबिकापुर जेल को भी लगातार शिकायतों के चलते फटकार लगाई है. कुछ दिन पहले ही जेल में कुछ कैदियों द्वारा एक कैदी को इस कदर पीटा गया था कि उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा और खबरों के मुताबिक वो बोल पाने की हालत में नहीं था.हांलाकि जब इस संबंध में जेल प्रशासन से बात की गई तो उन्होंने मारपीट से साफ इंकार कर दिया.
 
चिट्ठाजगत