अम्बिकापुर खबर (Ambikapur News)

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शनिवार, 29 अगस्त 2009

सरगुजा हुआ सूखाग्रस्त घोषित

सरगुजा के सभी तहसील को शासन ने सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है. ये 19 तहसील हैं, प्रतापपुर, अंबिकापुर, सूरजपुर, पाल(रामानुजगंज), वाड्रफनगर, राजपुर, लुण्ड्रा, सामरी, सीतापुर, लखनपुर, उदयपुर, मैनपाट, बतौली, भैयाथान, ओड़गी, शंकरगढ़, रामानुजनगर, बलरामपुर, और प्रेमनगर हैं. इन्हें मिलाकर बारह जिलों की पैंसठ तहसीलों को खरीफ फलसों के लिहाज़ से सूखाग्रस्त घोषित किया है.
मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने इस संबंध में पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक करके अधिकारियों को इन सभी तहसीलों में सरकार की अलग-अलग योजनाओं के तहत काम युद्धस्तर पर मुहैया कराने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने हिदायत दी है कि सूखाग्रस्त ज़िलों में राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना के तहत आने वाले लोगों को अधिक से अधिक काम उपलब्ध कराए जाएं.
शासन की इस घोषणा के बाद अब अगले आदेश तक इन तहसीलों में राजस्व की वसूली नहीं की जाएगी. शासन के इस फैसले से उन गरीब किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है जिनकी फसल सूखे में चौपट हो गई है. प्रदेश की जनता की तरह से मुख्यमंत्री को धन्यवाद।

मंगलवार, 25 अगस्त 2009

अब जेल में नहीं लगेगी मोबाईल पर रोक


अंबिकापुर समेत सभी जेलों में कैदियों को मोबाइल ले जाने से अब कोई नहीं रोकेगा। दरअसल लगातार जेल में कैदियों द्वारा मोबाइल के इस्तेमाल की ख़बरों से जेल प्रशासन के साथ साथ सरकार भी परेशान रही है। कैदियों तक मोबाईल न पहुंचे इसके लिए जेल विभाग ने भरसक कोशिशें की गईं लेकिन तमाम कवायदों को ठेंगा दिखाते हुए कैदियों के पास हर बार मोबाइल निकल ही आता है।
लिहाज़ा सरकार की पहल पर अब हर जेल में मोबाइल जाम करने वाले जैमर पहुच चुके हैं। इन्हें जेल मुख्यालय में रखा गया है। अब जैमर कंपनी के प्रतिनिधियों का इंतजार है। उनके पहुंचने के बाद जैमर लगाने की प्रक्रिया शुरु की जाएगी। अफसरों का कहना है कि जैमर लगाने में ज्यादा समस्या नहीं आएगी। ये जैमर रायपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर, दुर्ग और जगदलपुर सहित चार अन्य जिला जेलों में जाएंगे।
यानी अब कैदियों के पास मोबाइल पहुंच भी गया तो जैमर की वजह से मोबाइल काम नहीं करेगा। जैमरों के लग जाने से जेल प्रशासन काफी खुश ही क्योंकि जैमर लग जाने से जेल प्रशासन की मोबाइल के चलते बार-बार होने वाली फज़ीहत रूक जाएगी।

रविवार, 23 अगस्त 2009

कुलपति को लाल सलाम करने वाली छात्रा पहुंची जेल




अंबिकापुर गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. लक्ष्मण चतुर्वेदी के मोबाइल पर एमएमएस के जरिए जान से मार देने की धमकी देने के आरोप में पुलिस ने एक छात्रा को गिरफ्तार किया. हांलाकि बाद में छात्रा को मुचलके पर रिहा कर दिया गया. छात्रा पर आरोप है कि उसने 4 अगस्त को कुलपति धमकी भरा एसएमएस भेजा. एमएमएस में री-चेकिंग कराने वालों का नंबर बढ़ाने के लिए लिए चेतावनी जारी की गई थी. संदेश के आखिरी में 'लाल सलाम' लिखा होने से मामला गंभीर हो गया. छात्रा का कहना है कि लगातार फेल होने से वो तंग आ चुकी थी. इस साल वो तीसरी बार फेल हो गई थी इसलिए हताशा में उसने ये कदम उठा लिया.
5 अगस्त को कुलपति डॉ लक्ष्मण चतुर्वेदी ने घटना की रिपोर्ट कोनी थाने में दर्ज कराई. मामले की जांच क्राइम ब्राचं साइबर सेल कर रही थी. साइबर सेल ने काल डिटेल के आधार पर आरोपी छात्रा को उसके प्रतापपुर के बावापारा स्थित मकान से गिरफ्तार कर लिया. ये छात्रा गर्ल्स डिग्री कालेज अंबिकापुर में बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा है.
छात्रा का कहना है कि वो बार बार फेल हो रही थी. इस साल उसके पेपर अच्छे हुए थे. इसके बाद भी अंग्रेजी, रसायन, जीव विज्ञान और वनस्पति शास्त्र में उसे फेल कर दिया गया था. रिंकी ने बताया कि उसने री-चेकिंग के लिए आवेदन किया था. लेकिन उसके अनुरोध की अनदेखी की गई. इसके बाद उसने खुद कुलपति से मिलने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं मिले. इससे क्षुब्ध होकर उसने यह कदम उठाया. हांलाकि उसे ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था कि ये उसके एसएमएस से इतना बड़ा बवाल खड़ा हो सकता है. क्राइम ब्रांच ने छात्रा को कोनी पुलिस के हवाले कर दिया है. यहां से उसे मुचलके पर रिहा कर दिया गया है.
छात्रा का कहना है कि इस साल फिजिक्स, केमेस्ट्री को छोड़कर उसके सभी सभी पेपर अच्छे गए थे. इसके बाद भी चार विषय में फेल हो गई तो उसने पुनर्मूल्यांकन कराने का फैसला किया. लेकिन जब उसे पता चला कि री-चेकिंग सिर्फ दो विषयों में हो सकती है तो वह युनिवर्सिटी कैंपस बिलासपुर आई. यहां आने के बाद यूनिवर्सिटी स्टाफ ने उसे कुलपति से मिलने की सलाह दी. कुलपति से मुलाकात न होने पर वह उनका मोबाइल नंबर लेकर लौट गई. और गुस्से में आकर उसने कुलपति को एसएमएस कर दिया. लेकिन आखिरी में उसने लाल सलाम दिख दिया. जिससे मामला गंभीर हो गया
मिली जानकारी के मुताबिक छात्रा गरीब घर से है. उसके पिता अशोक गोस्वामी हाट बाजारों में जाकर मनिहारी का सामान बेचकर अपने परिवार का गुजर बसर करते हैं. रिंकी की एक बड़ी बहन और एक छोटा भाई है. छात्रा ने बताया कि नक्सलियों को ‘लाल सलाम’ लिखकर धमकी देने की बात उसने कई बार सुनी थी, लिहाज़ा उसे लगा कि शायद ऐसा लिखकर भेजने से उसकी समस्या हल हो जाएगी.
लेकिन जिस मोबाइल नंबर से कुलपति को धमकी मिली थी, वह सिम उपेंद्र सिंह, एफ-81 बटालियन सीआरपीएफ प्रतापपुर सरगुजा के नाम से खरीदा गया है. क्राइम ब्रांच ने जब इस सिलसिले में उपेंद्र सिह से पूछताछ की तो उसने बताया कि इस नंबर वाला मोबाइल 27 जुलाई को गुम हो गया है. इसके बाद पुलिस ने काल डिटेल से जांच पूरी की. बहरहाल ये खबर पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी है.

गुरुवार, 20 अगस्त 2009

बाबा कारतूस के साथ गिरफ्तार


अंबिकापुर के विधायक टीएस सिंह देव 10 ज़िदा कारतूस के साथ गिरफ्तार हुए. उन्हें भोपाल के राजा भोज एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया.बाद में उन्हें ज़मानत दे दी गई.
सिंह देव भोपाल से रायपुर के लिए जेट एयरवेज से रायपुर के लिए रवाना होने वाले थे लेकिन सुरक्षा जांच के दौरान उनके लेगेज से .270 राइफल के 10 ज़िंदा कारतूस मिले. सीआईएसएफ ने फौरन भोपाल की गांधीनगर पुलिस को इत्तिला दी और पुलिल ने उन्हें आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 30 के तहत गिरफ्तार कर लिया.
बाद में उन्हें स्थानीय अदालत में पेश किया गया जहां उन्हें 10 हज़ार रुपये और इतने के मुचलके पर छोड़ दिया गया. घटना की जानकारी भोपाल के एसपी जयदीप प्रसाद ने दी

सोमवार, 17 अगस्त 2009

पुलिस भर्ती के दौरान एक युवक की मौत



पुलिस भर्ती में दौड़ के दौरान हार्ट फेल होने की वजह से एक युवक की मौत हो गई. युवक का नाम विजय कुमार राम था. वो जशपुर ज़िले का रहने वाला था.
एजेंसी की खबरों के मुताबिक पुलिस भर्ती के दौरान उम्मीदवार विजय कुमार राम ने 15 किलोमीटर की आधी दौड़ पूरी कर ली थी, तभी अचानक वो बेहोश हो गया. उसे तुरंत ज़िला अस्पाल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. डॉक्टरों ने उसकी मौत का कारण हार्ट अटैक बताया.

बुधवार, 5 अगस्त 2009

एक बोतल शराब के लिए दलित महिला को ज़िदा जलाने की कोशिश




पहले से वर्दी के नशे में चूर एक सुरक्षाकर्मी को जब एक दलित महिला ने शराब देने से इंकार कर दिया तो उस वर्दी वाले ने उस पर कैसोरिन डालकर उसे आग लगा दी. दिल दहला देने वाली ये वारदात हुई है छत्तीसगढ़ के सरगुजा ज़िले का. महिला सुशीला पासवान 90 फीसदी झूलसी हालत में ज़िला अस्पलात में ज़िदगी और मौत के बीचे झूल रही है. उधर पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया है और उस पर हत्या की कोशिश का धारा लगाकर हवालात में भेज दिया है.
जानकारी के मुताबिक राजधानी रायपुर से करीब साढ़े चार किलोमीटर दूर झारखंड से सटे रामानुजगंज में छत्तीसगढ़ सुरक्षा बल के जवान पर अंबुज शुक्ला शराब पीने के लिए एक दलित विधवा महिला सुशीला पासवान के घर गया. आरोप है कि अंबुज ने सुशीला से शराब की मांग की. जब सुशीला ने घर पर शराब होने से इंकार कर दिया तो वर्दी के नशे में चूर अंबुज शुक्ला अपनी नारफरमानी नागवार गुज़री और उसने बिना कानून की परवाह किए सुशीला को घसीटता हुआ उसके रसोई में ले गया. इसके बाद उसने रसोई में रखे केसोसिन को सुशीला के सिर पर डाल दिया और उसे आग लगाकर ज़िदा मारने की कोशिश की.
किसी तरह वक्त रहते घटना की जानकारी आस पास के लोगों को हो गई और इसके बाद महिला को तुरंत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. लेकिन उसकी गंभीर हालत को देखते हुए वहां से उसे अंबिकापुर के ज़िला अस्पताल में रेफर कर दिया गया. घटना जब सामने आ गई तो पुलिस सक्रिय हुई और उसने आरोपी सुरक्षा कर्मी अंबुज को गिरफ्तार करके उस पर धारा तीन सौ सात यानी जान से मारने की कोशिश का मामला दर्ज कर लिया.
अंबिकापुर की पुलिस पर वैसे भी गुडागर्दी और ढीलेपन के आरोप लगते रहे हैं लेकिन ऐसा पहली बार है जब सशस्त्र बल के जवान पर किसी महिला को ज़िदा जलाने का आरोप लगा है. इस घटना के बाद पूरे ज़िले में सनसनी है.
 
चिट्ठाजगत